कुछ ऐसी होगा गुजरात की गिफ्ट सिटी का नजारा, ये है डिजाइन।
नई दिल्ली. गुजरात के अहमदाबाद में इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) में बनने वाले फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर को गिफ्ट सिटी का दर्जा मिला है। ये देश की पहली स्मार्ट सिटी होगी। ‘गिफ्ट’ सिटी में पहले चरण के 28 और 30 मंजिला के दो भव्य टॉवर्स तैयार हो चुके हैं। इन टॉवर्स में अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैंकिंग, फायनेंसियल सर्विसेस, इन्वेस्टमेंट और स्टॉक मार्केट संबंधित सेक्टर्स की कंपनियों के ऑफिस मौजूद होंगे। हाईटेक ग्लोबल फायनेंसियल और आईटी हब के रूप में विकसित हो रही गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (गिफ्ट) वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने जा रही है।
100 इनोवेटिक और इंपैक्टफुल प्रोजेक्ट लिस्ट में शामिल
वैश्विक परामर्श कंपनी केपीएमजी ने विश्व की 100 इनोवेटिव और इंपैक्टफुल प्रोजेक्ट लिस्ट में देश के 6 इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को शामिल किया है। केपीएमजी ने इन प्रोजेक्ट्स को शामिल करने आधार इनोवेशन और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया है।
गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी(गिफ्ट)
20 अरब डालर के मेगा प्रोजेक्ट गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी(गिफ्ट) को कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे और परिवहन को एक जगह लाने का एक प्लेटफॉर्म है। फिलहाल, ये प्रोजेक्ट अंडर कंस्ट्रक्शन है, जो 886 एकड़ में बन रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य हाई क्वालिटी फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना है, जिसमें बिजली, पानी, गैस, डिस्ट्रिक्ट कूलिंग, सड़कें, टेलीकॉम और ब्रॉडबैंड होंगे। यह मुख्य रूप से फाइनेंस और टेक कंपनियों को फोकस कर के बनाया जा रहा है, ताकि फाइनेंस और टेक कंपनियां मुंबई, बेंगलुरु और गुड़गांव जैसी जगहों से गुजरात के फाइनेंस टेक सिटी में रीलोकेट हो सकें।
गिफ्टी सिटी में क्या होगा
> गिफ्ट सिटी में 269 हेक्टेयर का एसईजेड बनेगा और इस एसईजेड में लगने वाली कंपनियों को टैक्स में छूट मिलेगी।
> इन कंपनियों को कम से कम 10 साल के लिए प्रोजेक्ट लगाना होगा।
> इस एसईजेड से सिर्फ फॉरेन करेंसी में सौदा होगा।
> घरेलू फाइनेंस कंपनियां किसी भी कंपनी को फॉरेन करेंसी लोन दे सकेंगी।
> इस एसईजेड में लगने वाली कंपनियों पर एसटीटी 0.02 से 0.03 फीसदी तक लग सकता है।
> इस एसईजेड में लगने वाले प्रोजेक्टों के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस की भी सुविधा दी जा सकती है।
> गिफ्ट सिटी में इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटी कमीशन और फाइनेंशियल मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर के नियम लागू होंगे जिसमें विदेशी फाइनेंस कंपनियों को एनआरआई की तरह सुविधाएं मिलेंगी।